राम मंदिर ( Ram temple ) की तैयारियां  लगभग पूरी हो चुकी है , अब बस अपने प्रभु और आराध्य श्रीराम को उनके सही स्थान पर विराजमान करना है। और वर्तमान सरकार ये काम बखूबी कर रही है केंद्र पर मोदी जी हो या उत्तर प्रदेश में योगी जी दोनों ही अपने आराध्य के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान और समर्पित नजर आ रहे है। 

और इन सब के साथ राजनीती भी अपने घुंघुरुओं को खनका  रही है और यह तो होना ही था क्योंकी धर्म और राजनीति का साथ चोली और दामन का है धर्म का चोला हटते ही राजनीति नंगी हो जाती है।  और सफल राजनीति वही है जो इस चोले को सही से ओढ़ सके।

प्रभु राम की नगरी अयोध्या बर्षों से अपने आराध्य को पाने की लालसा के साथ जीवंत रूप में चिरकाल से विराजमान है।  और आज उनके आगमन से अयोध्या नगरी अपने को परिपूर्ण मानेगी, और अयोध्या में रह रहे लोगों को जो प्रभु श्रीराम के प्रति पूर्ण समर्पित और श्रद्धावान है वो प्रभु श्रीराम की वंदना के लिए लालयित है कि कब श्रीराम आये और वे सब उनके दर्शन कर सके।  और यह सब बहुत ही जल्द यानि की  २२ जनवरी २०२४ को हो जायेगा।  इसमें  आज के समाज के सारे विद्वान , धर्मगुरु , राजनीतिज्ञ , और उच्चाधिकारी भाग लेंगे तो वही आम लोगों के लिए भी ये पूरी तरह से खुला रहेगा

Ram temple AI image

तो आइये जान लेते है राम मंदिर ( Ram temple ) के बारे में कुछ – 

राम मंदिर, अयोध्या: इतिहास, महत्व और निर्माण | Ram Temple, Ayodhya: History, Importance and Construction

राम मंदिर, ( Ram temple ) अयोध्या में विष्णु के अवतार भगवान राम को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह स्थान सदियों से धार्मिक विवाद का केंद्र रहा है और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। आइए, इस पवित्र स्थल के इतिहास, धार्मिक महत्व और वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्यों पर एक नज़र डालें:

इतिहास:

  • अयोध्या में राम मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान राम यहीं निवास करते थे।
  • 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह बाबर ने इस स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया।
  • 1992 में राम भक्तों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद देशभर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया।

धार्मिक महत्व:

  • राम मंदिर ( Ram temple ) हिंदुओं के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यह भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है।
  • राम मंदिर ( Ram temple ) का निर्माण राम के अनुयायियों के लिए एक दीर्घकालिक इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंदिर राष्ट्रीय एकता और सद्भावना का प्रतीक बनने की उम्मीद है।

वर्तमान स्थिति:

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया, जो मंदिर निर्माण की देखरेख करता है।
  • मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। गर्भगृह और गर्भगृह के ऊपर का चंद्रशिला का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
  • मंदिर परिसर में कई मंदिरों और भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है।
Ram images with Ai creation

कुछ अनोखी बातें:

  • मंदिर का डिजाइन प्राचीन भारतीय वास्तुकला से प्रेरित है।
  • मंदिर में रामचरितमानस के श्लोकों को पत्थरों पर उकेरा जाएगा।
  • मंदिर परिसर में एक संग्रहालय और अनुसंधान केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
  • राम मंदिर( Ram temple ) का निर्माण ना केवल एक धार्मिक स्थल का निर्माण है, बल्कि यह राष्ट्रीय महत्व का एक प्रोजेक्ट है। यह भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है और सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बनने की उम्मीद है।

हमारी विकिपीडिआ कुछ ऐसी जानकारी प्रदान करती है –

राम मंदिर का डिजाइन | Ram temple design

अयोध्या में राम मंदिर ( Ram temple ) का डिजाइन गुजरात के अहमदाबाद स्थित सोमपुरा परिवार ने तैयार किया है। सोमपुरा परिवार को मंदिर निर्माण में 15 पीढ़ियों का अनुभव है और उन्होंने दुनिया भर में 100 से अधिक मंदिरों का डिजाइन किया है।

राम मंदिर का मूल डिजाइन 1988 में तैयार किया गया था। इस डिजाइन में मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होना प्रस्तावित था। हालांकि, 2020 में इस डिजाइन में कुछ बदलाव किए गए। नए डिजाइन में मंदिर की ऊंचाई 167 फीट कर दी गई है।

राम मंदिर ( Ram temple ) का निर्माण ‘नागरा’ शैली की वास्तुकला के बाद किया जा रहा है। नागरा शैली भारतीय मंदिर वास्तुकला की एक प्राचीन शैली है। इस शैली में मंदिरों का निर्माण आमतौर पर लाल बलुआ पत्थर से किया जाता है।

कुछ अनूठी विशेषताएं

अयोध्या में राम मंदिर परिसर में कई सुविधाएं होंगी, जिनमें शामिल हैं:

  • मंदिर में 108 खंभे होंगे, जो भगवान विष्णु के 108 अवतारों का प्रतीक होंगे।
  • मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा 108 फीट ऊंची होगी।
  • मंदिर के परिसर में एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा। इस संग्रहालय में भगवान राम से जुड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
Ram ans sita mata in the forest

राम मंदिर परिसर की सुविधाएं | Facilities of Ram Mandir Complex

अयोध्या में राम मंदिर परिसर में कई सुविधाएं होंगी, जिनमें शामिल हैं:

  • एक प्रार्थना कक्ष, जहां भक्त पूजा कर सकेंगे।
  • एक रामकथा कुंज, जहां रामायण की कहानियों को सुनाया जाएगा।
  • एक वैदिक पाठशाला, जहां युवाओं को वैदिक ज्ञान और शिक्षा दी जाएगी।
  • एक संत निवास, जहां संत और साधुओं के रहने के लिए जगह होगी।
  • एक यति निवास, जहां आगंतुकों के लिए छात्रावास होगी।
  • एक संग्रहालय, जहां भगवान राम और रामायण से जुड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
  • एक कैफेटेरिया, जहां भक्त और आगंतुक भोजन और अन्य सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
  • एक बार पूरा होने के बाद, राम मंदिर परिसर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल होगा और यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक होगा।

कुछ अन्य अनूठी विशेषताएं | Unique features of Ram temple

  • राम मंदिर परिसर में कुछ अन्य अनूठी विशेषताएं भी होंगी, जिनमें शामिल हैं:
  • मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की एक विशाल प्रतिमा होगी, जो 108 फीट ऊंची होगी।
  • मंदिर के परिसर में एक कृत्रिम झील होगी, जो भगवान राम के जन्म स्थान के पास स्थित प्राचीन सरोवर की याद दिलाएगी।
  • मंदिर के परिसर में एक वन होगा, जो भगवान राम के बचपन के जंगलवास की याद दिलाएगा।
  • ये विशेषताएं मंदिर को एक और अधिक आकर्षक और दर्शनीय स्थल बना देंगी।

और अधिक जानकारी के लिए आप विकिपीडिआ में पढ़ सकते है। 

तो आशा करते है की आपको कुछ अच्छा और नवीनतम जानकारी इससे मिली होगी , और यदि न मिली हो तो कृपया करके अयोध्या जाकर राममंदिर का दर्शन करे जो व्यावहारिक दृष्टि से ज्यादा सही है।  तो ये तो हो गयी बातें , अब आते है की 

क्या अब  अयोध्या में  राममंदिर बन जाने से और प्रभु श्रीराम के आ जाने से रामराज्य आएगा ? 

सायेको शायर (वैसे उनका शुभ नाम – “अभि मुंडे ” है।)

क्या लोग प्रभु राम की मूर्ति को पूजने के साथ साथ उनके आचरण को अपने जीवन में लागु करेंगे ? क्युकी आज की जो परिस्थिति  मै सामाज की देख रहा हु उससे तो ये प्रतीत होता है कि सिर्फ पूजा ही होनी है जो की निःसंदेह आडम्बर है और कुछ भी नहीं। लोग मंदिर जाते है और वापस आकर व्यशनों ,वासनाओं , झूठ , फरेब ,धोखा , मांस – मंदिरा ( जिसे प्यार से शराब कहते है ) ,पाखंड , दिखावा आदि बुरी लतों में लिप्त हो जाते है और फिर अगले दिन मंदिर जाकर भजन कर आते है और बड़े ही शान से सभी को बताते है।

फिर ये तो वही बात हुई – “मुँह में राम बगल में छुरी ” और यदि ऐसा ही होना है तो फिर मेरे समझ से प्रभु श्रीराम का आना सही नहीं होगा , धर्मगुरुओं को इस पर चर्चा करनी चाहिए , वैसे उन लोगों ने जरूर चर्चा की  होगी,क्युकी  मुद्दा गंभीर है , अभी नहीं सचेते तो आगे चलकर धर्म को चोट लगेगी , और यदि सत्य को चोट लगती है तो उसके तारण के लपेटे में सभी आएंगे। 

आपकी क्या राय है इन सब में?, आखिर आप भी प्रभु श्रीराम के इस मायानगरी का एक हिस्सा है आपके विचार ही बताते है की आगे क्या होगा तो अपने विचारों को रखने के लिए इस पोस्ट के नीचे एक कमेंट सेक्शन है जिसपे आप अपने विचारों को हम तक भेज सकते है।

तब तक के लिए इससे रिलेटेड कुछ सायेको शायर (वैसे उनका शुभ नाम – “अभि मुंडे ” है।) नाम से एक व्यक्ति है जो खुद को सायको कहते है मेरे नजर में तो वो किसी ऊर्जावान और शक्ति से परिपूर्ण पवित्र आत्मा की तरह है बाकी आप देखिये और बताइये की क्या ये सही कह रहे है? मेरे लेख समाज के लोगों के लिए है तो मेरा सबकुछ आप पर ही निर्भर करता है।  धन्यवाद , मिलते है  फिर किसी दिन ऐसे ही अनोखे टॉपिक्स के साथ तो ब्लॉग को देखते रहे काम की चीज जरूर मिलेगी।