तो आज हम बात करेंगे कि Side effects of social media क्या है , और यह किन तरीकों से आम – जनजीवन को प्रभावित करता है।  हर कोई हर रोज सोशल मीडिया का  इस्तेमाल करता है तो मुझे इसके बारे में बेसिक जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है , और अगर हपति भी तो नहीं देता भला कोई आफत को कैसे बुला सकता है।

जबसे जिओ ने इंटरनेट की दुनिया में कदम रखा डाटा आटा  से भी काम दाम में मिलने लगा है।  और आकर्षक , चमक और सम्माज के वातावरण के प्रभाव से आटा हो या न हो लेकिन मोबाइल में डाटा होना बहुत जरूरी है। फिलहाल यदि आपका यहाँ से इस लेख को पढ़ने  का मन नहीं कर रहा है तो आप इस सोशल मीडिया में ४६ साइड इफ़ेक्ट जो दैनिक भास्कर जैसे विश्वसनीय समाचारों के द्वारा आप लोगों में से कुछ समझदार लोगों के लिए लिखा गया है जिससे वो इसके इफ़ेक्ट ही नहीं बल्कि कैसे उन्हें सोशल मीडिया के नाम पर एक प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है के बारे में बताया  जा रहा है ,

आपकी जानकारी  के लिए बता दू ये सारा खेल बिज़नेस का है जिसमे ह्यूमन के मनोस्थिति के साथ खेला जाता है।  और यह बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया जा रहा है क्युकी जो आपको दिखाया जा रहा है जो सिर्फ और सिर्फ आपके हृदय के रसो अरे यार वो जो मानव के हृदय में रस  नहीं निकलते है जैसे – वीर रस , वियोग रस , हास्य रस ऐसे करके कुल ११ रसों की निष्पत्ति करता है

Side effects of social media

 मै  बस यही रसों की बात कर रहा हू , जब जैसे स्थिति होती है ये रस स्वतः ही निकल आते है  और व्यक्ति हँसना , रोना , लड़ना , प्यार करना , आदि परिस्थिति के मुताबिक करने लगता है। और इसी कमजोर कड़ी को पकड़ कर एक बिज़नेस बनाया गया जिसका नाम सोशल मीडिया इंटरैक्शन  है ,  बता दू  की इन रसों में श्रंगार रस , हाष्य रस और वीर रस ये तीन रस की मात्रा अधिक होती है मतलब की इन रसों को निकलना बहुत आसान होता है।

तो बस  इसी कमजोर कड़ी को पकड़ते हुए सोशल मीडिया का मायाजाल फैला हुआ है जिसमे व्यक्ति न चाहते हुए भी फंस  जाता है।  क्युकी यह नेचुरल प्रक्रिया के अंतर्गत आता है , यही वजह है की सभी धर्मों में, और सभी महान व्यक्तियों द्वारा आत्म – नियंत्रण पर इतना बल दिया गया है , क्युकी यह वह पावर है जिसके द्वारा आप सोशल मीडिया जैसे तुच्छ चीजों को ही नहीं अपितु जीवन की लगभग हर समस्या पर विजय  पा  लेंगे। बहुत से लोगों को ये बाते थोड़ी अजीब लग सकती है

तो उसके लिए मै कहना चाहता हु की आप स्वयं कुछ एक्टिव होकर सही तरीके से इन चीजों पर गौर करिये शायद आपको वो दिख जाये जो मै यहाँ बताने की कोशिश कर रहा हूँ। 

सोशल मीडिया न सिर्फ आपका समय बर्बाद कर रहा है बल्कि यह आपके विचार आपकी ऊर्जा , आपके नए अविष्कार और सबसे महत्वपूर्ण आपकी प्राइवेसी और सुकून को भी नष्ट कर रहा है।  सोशल मीडिया को आप समय देते है और बदले में आपको – काल्पनिक दुनिया , अशांति, कमजोरी , मानसिक तनाव , और बहुत सा कचरा आपके मस्तिष्क में भर देता है , जिससे आप उन छोटी चीजों को भी नहीं कर पाते जिन्हे आप स्कूल टाइम  या एक समय में कर लिया करते थे , 

तो जाइये और सोशल मीडिया इंटरैक्शन करिये मगर दिमाग से।

यूज़ योर ओन पॉजिटिव औरा, नेग्लेक्ट सोशल ऐरा - ग़ैरा। 
Use Your Own Positive Aura, Neglect Social Aura
shubh